टिकट रिजर्वेशन को लेकर रेल मंत्रालय ने किया बड़ा ऐलान
Hindi Oneindia 16 Mar. 2018 21:34
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने आज राज्यसभा में रेलवे में टिकट बुकिंग पर बड़ा बयान दिया है। मंत्रालय ने यह बयान आरक्षण केंद्रों पर दिया है, जहां से रोज लाखों लोग अपना टिकट बुक कराते हैं। रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है कि वो आरक्षण केंद्रों को बंद करेगी। गोहेन ने कहा कि आरक्षण केंद्रों पर टिकट बुंकिग की बढ़ी संख्या के कारण सरकार इसे बंद करने का विचार नहीं कर रही है। सरकार ने आज संसद को बताया कि पिछले तीन सालों में रेलवे स्टेशनों पर 40 करोड़ से अधिक टिकट आरक्षण काउंटर से बुक किए गए थे, जिससे पता चलता है कि ऑनलाइन बुकिंग बढ़ाने के साथ ही लोग अभी भी ऐसे काउंटरों का उपयोग कर रहे हैं।
देश भर में कुल 3,458 आरक्षण केंद्र
राजेन गोहेन ने कहा कि देश भर में कुल 3,458 आरक्षण केंद्र हैं और पिछले तीन वर्षों में ऐसे काउंटरों से 40.53 करोड़ से अधिक टिकट बुक किए गए हैं। 2015-2016 में, लगभग 14.88 करोड़ टिकट आरक्षण काउंटर से बुक किए गए थे, अगले वर्ष में, 14.03 करोड़ टिकट बुक किए गए थे, जबकि 2017-2018 में (फरवरी 2018 तक) 11.62 करोड़ के टिकट काउंटरों से बुक किए गए थे। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रेलवे टिकटिंग प्लेटफॉर्म, आईआरसीटीसी ने 2016-17 में लगभग 20.9 करोड़ टिकट बेचे हैं, जो कि इससे पहले साल 2015-16 में बेचे गए 19.9 करोड़ करोड़ टिकट से 5 फीसदी अधिक है।
लगाए गए 1 लाख से ज्यादा बायो टॉयलट्स
इस दौरान गोहेन ने यह जानकारी भी दी कि रेलवे ने 2015-2018 के दौरान ट्रेनों में एक लाख से ज्यादा बायो टॉयलट लगाए हैं, जो निर्धारित लक्ष्य 87,000 को पार कर गया है। गोहेन ने राज्यसभा को बताया कि रेलवे ने 2015-2018 (फरवरी तक) के दौरान 1,00,663 बायो टॉयलट लगाए गए हैं, इस अवधि के दौरान 87,000 बायो टॉयलट लगाए जाने का लक्ष्य था। मंत्री ने कहा कि 2015 से दिसंबर 2017 तक क्षेत्रीय रेलवे द्वारा बायो-टॉयलट्स लगाने के लिए निर्धारित व्यय 513.97 करोड़ रुपये का था।
229 .51 करोड़ रुपए मिले स्वच्छ भारत सेस से
गोहेन ने राज्यसभा में ही यह जानकारी भी दी कि साल 2015-2016 से साल 2016-2017 तक सेवा कर पर 0.5 प्रतिशत की दर से स्वच्छ भारत उपकर के रूप में एकत्र की गई राशि 229 .51 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा, 'स्वच्छ भारत सेस के रूप में एकत्रित राशि, रेलवे की कमाई के हिस्से के रूप में, वित्त मंत्रालय को प्रेषित की जाती है और कोई लक्ष्य खर्च नहीं किया जाता है'। मंत्री ने कहा कि रेलवे ने स्वच्छता संबंधी गतिविधियों पर 2016-2017 में अपने स्वयं के राजस्व से 1,008 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि इस अवधि के दौरान स्वच्छ भारत उपकर से 166.43 करोड़ रुपये अर्जित किए थे।
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