मोदी, शाह के करीबी सौदान सिंह करेंगे प्रदेश भाजपा के काम की समीक्षा
18 March 2018, 06:04
भोपाल। मार्च के आने वाले दिन प्रदेश भाजपा संगठन के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। एक तरफ जहां संगठन में फेरबदल संभावना जताई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ अमित शाह के करीबी और भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह 21 मार्च से तीन दिन के दौरे पर भोपाल आ रहे हैं। सौदान सिंह का यह दौरा सियासी लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सिंह भाजपा संगठन के कामकाज की समीक्षा करने आ रहे हैं।
सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। अपने दौरे के दौरान वे आने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों और भाजपा की स्थिति पर भी बातचीत कर सकते हैं। सिंह पहली बार प्रदेश भाजपा के कामकाज की समीक्षा करने मप्र आ रहे हैं। अब तक मप्र के संगठन का काम संगठन महामंत्री रामलाल ही देखते थे।
अमित शाह के निर्देशों का कितना हुआ पालन
भाजपा का प्रदेश संगठन दौरे की तैयारियों में जुटा है। पार्टी स्तर पर वे सभी कामों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है, जिसके निर्देश अगस्त 2017 में भोपाल दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह देकर गए थे। सौदान सिंह खासतौर पर उन कामों का पूरा ब्यौरा लेंगे, जो अमित शाह बताकर गए हैं। दौरे की खबर से प्रदेश संगठन की सांसें भी फूली हुई हैं क्योंकि कई ऐसे काम है, जिनकी शुरुआत भी नहीं हो पाई है। इसके अलावा सौदान सिंह प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा-प्रकोष्ठ पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा करेंगे और मंडल व बूथ स्तर पर भी एक-एक बैठक लेंगे।
विधायक दल की बैठक में भी हो सकते हैं शामिल
सिंह भाजपा विधायक दल की बैठक में भी शामिल हो सकते हैं। ये बैठक 21 मार्च की शाम को मुख्यमंत्री निवास पर होगी। यहां वे विधायकों से भी फीडबैक लेंगे।
वे काम जो संगठन शुरू भी नहीं कर पाया
- अमित शाह ने हर दो महीने में कोर ग्रुप की बैठक के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके जाने के बाद एक बार भी बैठक नहीं हुई।
- शाह ने कहा था कि संगठन और सत्ता से जुड़े सारे महत्वपूर्ण फैसले कोर ग्रुप करे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
- शाह ने मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि सोमवार और मंगलवार को कार्यकर्ताओं से मिलें। इसका समय तो तय हुआ, लेकिन इसका पालन नहीं होता।
- शाह ने मोर्चा-प्रकोष्ठ के अलावा विभागों को सक्रिय होने के निर्देश दिए थे, लेकिन सभी विभाग सिर्फ नियुक्तियों तक सीमित हैं। गतिविधियां शुरू नहीं हुई।
- सभी जिलों में भाजपा के कार्यालय के लिए जमीन खरीदने के निर्देश दिए गए थे। कार्यवाही अधूरी पड़ी है।
- सभी मंत्रियों को सीट आवंटित कर उन्हें जिताने का लक्ष्य दिया था। संगठन अभी तक मंत्रियों को सीटें आवंटित ही नहीं कर पाया है।
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