देश के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ कि किसी नामचीन संगठन के आह्वान के बिना ही आज (मंगलवार को) देशव्यापी बंद होने की सनसनी फैली हुई है। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों-सूचनाओं के मुताबिक 10 अप्रैल को भारत बंद है। संभावित बंद के मद्देनजर सोमवार को देश का गृह मंत्रालय भी आगे आया। उसने सुरक्षा चाक-चौबंद रखने और हिंसा रोकने के लिए सभी राज्यों को परामर्श (एडवायजरी) जारी कर दिया।
व्हाट्सएप, ट्विटर और फेसबुक से फैली इस सनसनी
व्हाट्सएप, ट्विटर और फेसबुक से फैली इस सनसनी का आलम यह कि बंद के आह्वान को देखते हुए कहीं ऐहतियातन एसएमएस-इंटनरेट सेवाएं बंद कर दी गईं, तो कहीं स्कूल-बाजार बंद रखने के ऐलान के साथ धारा-144 लागू कर दी गई। बंद का आह्वान किस संगठन ने किया, इसकी आधिकारिक जानकारी किसी भी राज्य सरकार या जिला प्रशासन के पास नहीं है।
बिहार की बात करें तो एक संगठन ने कारगिल चौक पर प्रदर्शन की घोषणा की है। हालांकि सभी थाने अलर्ट पर हैं और कई स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है।
लाइव अपडेट्स
8.30 AM: मेरठ में भारत बंद का असर नहीं। नौकरी और शिक्षा में जाति आधारित आक्षरण के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एडवायजरी जारी कर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिये थे।
7.50 AM:जहानाबाद में बंद समर्थक सड़क पर उतरे। पटना गया नेशनल हाइवे 83 को कराया बंद।
7.30 AM: बिहार के जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर स्वतः स्फूर्त बंद का दिख रहा असर। हालांकि ट्रेनों का परिचालन सामान्य है। लेकिन यात्रियों की संख्या काफी कम है। सड़क पर भी वाहनों की संख्या काफी कम है।
6.00 AM: राजस्थान के भरतपुर में 15 अप्रैल तक बढ़ाई गई धारा 144, इंटरनेट सेवा आज सुबह 9 बजे से बंद। एससीएसटी एक्ट प्रदर्शन के बाद से यहां लगी धारा 144
पश्चिमी उत्तर प्रदेश विशेष सतर्कतावेस्ट यूपी सहमा हुआ है। सहारनपुर व हापुड़ में प्रशासन ने इंटरनेट और एमएमएस सेवा बंद कर दी है, तो मेरठ, आगरा, मुरादाबाद, बरेली में पुलिस सतर्कता बढ़ा दी गई है। हापुड़, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद में प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। लोगों ने खुद ही अपने कार्यक्रम रद कर दिए।
उत्तराखंड में अलर्ट
उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी ने बंद को लेकर जिलों के पुलिस प्रमुखों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सतर्क रहने के निर्देश दिए। प्रदेश में बंद को लेकर कोई संगठन सामने नहीं आया है। मध्यप्रदेश में डीजीपी ऋषि शुक्ला की मंगलवार के संभावित बंद पर पैनी निगाह है। सभी जिलों में पुलिस बल की तैनाती के साथ विशेष सतर्कता बरती जा रही है। ग्वालियर-चंबल व सागर संभाग के कुछ जिलों में धारा 144 लागू करने के साथ स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है।
बिहार में पुलिस मुस्तैद
जिला प्रशासन ने मंगलवार को कुछ संगठनों के प्रस्तावित बंद को देखते हुए थानों को अलर्ट कर दिया है। इसे देखते हुए राजधानी के कई स्कूलों ने छुट्टी की घोषणा की है। हालांकि अभी तक केवल एक संगठन भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच ने बंद को लेकर प्रशासन को सूचना दी है। संगठन ने आरक्षण के मुद्दे पर बंद का आह्वान किया है। डीएम कुमार रवि ने बताया संगठन की ओर से सूचना दी गई है कि वे करगिल चौक पर प्रदर्शन करेंगे, इसलिए अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। संगठन की ओर से प्रशासन को दी गई सूचना में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी करगिल चौक से जेपी गोलंबर होते हुए मोइनुलहक स्टेडियम जाएंगे। इसलिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के थानों को अलर्ट कर दिया गया है ताकि प्रदर्शन के दौरान कोई आगजनी न कर सके। डीएम ने बताया कि जो भी उपद्रव करेगा उससे कड़ाई से निपटा जाएगा।
रांची में प्रशासन चाकचौबंद
जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। रांची उपायुक्त राय महिमापत रे ने विभिन्न थाना क्षेत्रों के लिए 32 गश्ती दण्डाध्किारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा जिला को 9 जोनों में बांटकर 9 जोन मुखयालय बनाया गया है जहां पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। सभी 9 जोनों के लिए दो अश्रु गैस दस्ता तथा 8 रबर बुलेट पार्टी, वेलहेलर की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा कुल 61 स्थानों को चिन्हित करते हुए 13 स्टैटिक दण्डाधिकारी व 61 पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
गृह मंत्रालय का परामर्श
सोशल मीडिया के जरिये कौन किसको फायदा पहुंचा रहा है, इसका आकलन कठिन है। लेकिन 2 अप्रैल के बंद में हुई हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर सरकार चौकन्नी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर एमएचए ने सभी राज्यों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाने और उचित इंतजाम करने को कहा है। आवश्यक हो तो निषेधाज्ञा भी लगाई जा सकती है। राज्यों से सभी संवेदनशील जगहों पर गश्त तेज करने को कहा गया है जिससे जानमाल के किसी भी नुकसान को रोका जा सके। गृह मंत्रालय ने कहा कि इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जम्मिेदार होंगे।
Comments
Post a Comment